सोमवार, 31 मार्च 2008

९२.तू याद कर !












तू याद कर , या ना कर ,
तेरे याद करने का गम नही ,
तेरे याद करने की
अदा ,
तेरे याद करने
से कम नही !!!!

2 टिप्‍पणियां:

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

हिन्दी ब्लॉगजगत में आप का स्वागत है।

धन्यवाद्

राही ''Rahi''9098292784 ने कहा…

हम भी आपके दर्द को समझते है
जब चोट लगी तो ये जाना ........ .......झूठा था हर अफसाना


हेना