सोमवार, 31 मार्च 2008

६३. दुनीया के !


दुनीया के सीतम की कोई परवाह नही मुझको ,
वो क्योँ मुझपे उंगलिया उठाये जा रहे हैं ,
जीस शख्स को जानता था एक चेहरे से ''J.K.ChArAn''
उसके कितने चहरे सामने लाये जा रहे हैं !!

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