सोमवार, 31 मार्च 2008

१४. अगर रख सको !


अगर रख सको तो एक नीशानी हू मैं,

और खो दो तो एक कहानी हू मैं,

रोक पाया ना जीसे ये जहाँ सारा ,

वह एक बूँद आँख का पानी हू मैं !!

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