सोमवार, 31 मार्च 2008

८२.गमो की !





















गमो की गहराई मे डूब सा गया हूँ मे ,

कीसी की जुदाई से टूट सा गया हूँ मे ,
जिन्दगी से अब कोई शीक्वा नही मुझको ,
अपने आपसे ही रूठ सा
गया हूँ मे !!

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