रविवार, 30 मार्च 2008

५. टुटा हे दील !

टुट हे दील पर अरमान वही है ,

दूर रहते हो तो क्या पर अरमान वही है ,

जानता हूँ के मिल नही सकता पर ,

इन आंखो मे इंतज़ार वही है …!!

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