सोमवार, 31 मार्च 2008

६०.ना जाने क्यों !





















ना जाने क्यों ये ऑंखें उदास रहती है ,
इन आँखों मैं कीसी की प्यास रहती है ,
ये जानकर भी की वो मेरी कीस्मत मैं नही ,
फीर भी क्यों उन्हें पाने की आस रहती है !!

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