सोमवार, 31 मार्च 2008

८९.कदे कदे महोब्बत !











कदे कदे महोब्बत मे जुदाई भी आवे हे सा ...
पर जुदाई प्यार ने और गह्रो बना जावे हे सा....
दो पल री जुदाई मे आंसू मन बहा भायला.....
जुदाई री तड़प प्यार ने और प्यारो बना जावे हे सा .!!

1 टिप्पणी:

Kuwait Gem ने कहा…

good bana.....keep it up....