
दील की हो या आंखों की ,
रुसवाई तो आखीर रुसवाई है ..
भले देर से करे या हकीकत मैं ,
बेवफाई तो आखीर बेवफाई है ..!!
है ना ?
"ZINDGI BAHUT TEJ CHALTI HAI, MAGER SABSE TEJ WAHI CHALTA HAI, JO SABSE AKELA CHALTA HAI"…..SO B ALONE N DON DEPEND UPON OTHER'S...
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