सोमवार, 31 मार्च 2008

६२.कैसे बयान करूं !


कैसे बयान करूं मैं हालत अपनी ,
तेरी जुदाई मे इतना तद्फा हू ,
न रोता हू न हँसता हू बस तेरी राह देखता हू ,
हर कीसी मे तेरी झलक देखता हू ,
अब तो चले आना मेरे दोस्त ,
तेरी राहों मे पलके बिछायें बेठा हू -ऐ दोस्त !!

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