सोमवार, 31 मार्च 2008

९२.तू याद कर !












तू याद कर , या ना कर ,
तेरे याद करने का गम नही ,
तेरे याद करने की
अदा ,
तेरे याद करने
से कम नही !!!!

९१. दीवाने हो गए !










दीवाने हो गए हम जीनकी याद मे ,

वो हम ही से बेगाने हो गए ,
शायद उन्हें तलाश है अब नये प्यार की ,

क्युंकी उनकी नज़र मे हम हो गए !!

९०.म तोड़ लेतो !


तोड़ लेतो बीने , जो वा गुलाब होती
जवाब देतो बीने , जो वा सवाल होती..
मेरी नींद कदे भी ना , टूटन देतो..
जो बा आख्या में आयडो सुप्नो होती..
सगला कह्वे हे की , में कोई नशो कोण्या करू ..
लेकीन फेर भी भायला में पी लेतो ..
जो वा कमबख्त शराब होती !!

८९.कदे कदे महोब्बत !











कदे कदे महोब्बत मे जुदाई भी आवे हे सा ...
पर जुदाई प्यार ने और गह्रो बना जावे हे सा....
दो पल री जुदाई मे आंसू मन बहा भायला.....
जुदाई री तड़प प्यार ने और प्यारो बना जावे हे सा .!!

८८. मोहब्बत का यही !











मोहब्बत का यही दस्तूर होता हे ,
जो जीसको जितना चाहे ,
वो उस से उतना ही दूर होता है !!

८७.आज भी कई !











आज भी कई सवाल है इस दिल में ,
प्यार का गम बेज़ुबान है इस दिल में ,
कुछ कह नही पाता ये दिल मगर ,
उस दिल के लीये आज भी प्यार है इस दिल में !!

८६.हर कीसी को !

हर कीसी को महोब्बत मिले ज़रूरी तो नही ,

हर आँखों को खुवाब मिले ज़रूरी तो नही ,

खुदा की आदत है इम्तिहान लेना ,

हर इम्तिहान हम पास हो ज़रूरी तो नही !!

८५. कीतना बेबस है !











कीतना बेबस है इंसान कीस्मत के बीना ,
कीतना दूर है सपना हकीकत के बीना ,
कोई रुकी हुई धड़कन से पूछे ,

कीतना तड़पता है दिल तेरी मोहब्बत के बीना !!

८४.करते है मोहब्बत !
















करते है मोहब्बत सब ही मगर ,
हर दिल को सीला कब मिलता है,
आती है बहारें गुलशन में ,
हर फूल मगर कब खीलता है !!

८३. गम के !


गम के सागर में तिनके खुशियों के धुंड रहा हूँ ,

में जीना चाहता हू फीर भी यारों डूब रहा हूँ !!

८२.गमो की !





















गमो की गहराई मे डूब सा गया हूँ मे ,

कीसी की जुदाई से टूट सा गया हूँ मे ,
जिन्दगी से अब कोई शीक्वा नही मुझको ,
अपने आपसे ही रूठ सा
गया हूँ मे !!

८१.जिन्दगी की !










जिन्दगी की राह में आगे चलते जाना हर पल ,

मुड के ना देख बीते हूऐ पल ,

जो नहीं था तेरा तुझे नहीं मीला ,

जो मिल गया उसके साथ गुजार अपना हर पल !!

८०.काश यह जालीम !


काश यह जालीम जुदाई ना होती ,

ऐ खुदा तुने यह चीज़ बनाई ना होती ,

ना हम उनसे मीलते ना प्यार होता ,

जिन्दिगी जो अपनी थी वो परायी ना होती !!

७९. चलो बाँट लेते है !

चलो बाँट लेते है अपनी सजाये ,


ना तुम याद आओ ना हम याद आये ,

सभी ने लगाया है चेहरे पे चेहरा ,


कीसे याद रखे कीसे भूल जाए !!

७८.खामोशियाँ भी तेरी !


खामोशियाँ भी तेरी दिल को है गवारा अज़ीज--जानशीन
के किस्सा-- मोहोब्बत तेरी आँखों से बयान हो जाता
दिल--नादान को लगती है चोट,वो रोता भी है कभी कभी
समझाना उसे आसान होता,गर लफ़्ज़ों का मरहम मिल पाता |

७७.तरसते थे जो !


तरसते थे जो मिलने को कभी ,
आज वो क्यों मेरे साये से कतराते हैं ,
हम भी वही दिल भी वही ,
ना जाने क्यों लोग बदल जाते है !!

७६.ठुकरा के उसने !



ठुकरा के उसने मुझको ,

कहा की मुस्कुराओ ,

मैंने हस दिया ,

आखीर सवाल उसकी खुशी का था ,

मैंने खोया वो जो मेरा था ही नही ,

उसने खोया वो जो सिर्फ़ उसी का था !!

७५. वफ़ा का नाम !


वफ़ा का नाम ना लो , वफ़ा दिल को दुखाती हैं ,
वफ़ा का नाम लेते ही , मुझे एक बेवफा याद आती हैं !!

७४. हमारी हर !


हमारी हर शाम नशे मे गुजरती थी ,

हमारी हर शाम नशे मे गुजरती थी ,

एक दीन शाम नशे मे थी , और हम गुज़र गए !!


७३. आज रूठा हुआ !










आज रूठा हुआ एक दोस्त बहुत याद आया ,
अच्छा गुज़रा हुआ कुछ वक़्त बहुत याद आया.,
मेरी आंखो के हर एक अश्क पे रोने वाला,
आज जब आंख ये रोई तू बहुत याद आया,
जो मेरे दर्द को सीने मे छुपा लेता था,
आज जब दर्द हवा मुझ को बहुत याद आया,
जो मेरी आंख मे काज़ल की तरहा रहता था,
आज काजल जो लगाया तू बहुत याद आया,
जो मेरे दिल के था क़रीब फक़्त उस को ही,
आज जब दिल ने बुलाया तू बहुत याद आया !!

७२. इन माय लाइफ !


In my life I learned how 2 love,
2 smile, 2 B happy, 2 B strong,
2 work hard, 2 B honest, 2 B faithful,
2 forgive.
But I couldn't learn how 2 forget U...


७१.व्हाट मेक्स !


What makes some people dearer is not just the happiness that we feel when we meet them but the emptiness we feel when they are not around us. I Miss U!!!!!

७०. आंसुओं को !




















आंसुओं
को बहुत समझाया के यूं ना आया करो ,
महफील में हमारा मजाक ना उड़ायाकरो ,
इस पर आंसू बोले महफील में तुम्हेअकेला पाते हैं
इसलिये चले आते हैं !!

६९. वादा तो !


वादा तो कर लेते हैं ,
निभाना भूल जाते हैं
लगा कर आग सीने मैं ,
बुझाना भूल जाते हैं !!"

६८.रात क्या ढली !


रात क्या ढली सीतारे चले गए ,
कोई और क्या मीला आप हमे भुलाते चले गए ,
दोस्ती की बाजी जीत तो हम भी सकते थे ,
पर आप की खुशी के लीये हारते चले गए !!

६७.हमको क्यो !


हमको क्यों तुमने भुला दीया ,
देके हँसी होंठो पे ,
फीर क्यों इतना रुला दीया !!!

६६.ऐ आसमान वाले !


ऐ आसमान वाले जमीन पर उतर कर देख ,

होती है कया जुदाई तू भी बिछड़ कर देख !!

६५.दर्द का एहसास !

दर्द का एहसास जानना है तो प्यार कर के देखो,

अपनी आंखों मैं कीसी को उतार कर देखो ,

चोट उन को लगे गी , आंसू तुम्हें आ जाएं गे ,

ये एहसास जानना हो तो दिल हार कर देखो !!!!

६४.मजबूरी नाल ना !


मजबूरी नाल ना सानु प्यार करी ,

एहसान नाल ना खुशियाँ सानु दान करी ,

दिल करे तो स्चा प्यार करी ,

जुठिया आफ्वन नाल ना सानु बदनाम करी !!

६३. दुनीया के !


दुनीया के सीतम की कोई परवाह नही मुझको ,
वो क्योँ मुझपे उंगलिया उठाये जा रहे हैं ,
जीस शख्स को जानता था एक चेहरे से ''J.K.ChArAn''
उसके कितने चहरे सामने लाये जा रहे हैं !!

६२.कैसे बयान करूं !


कैसे बयान करूं मैं हालत अपनी ,
तेरी जुदाई मे इतना तद्फा हू ,
न रोता हू न हँसता हू बस तेरी राह देखता हू ,
हर कीसी मे तेरी झलक देखता हू ,
अब तो चले आना मेरे दोस्त ,
तेरी राहों मे पलके बिछायें बेठा हू -ऐ दोस्त !!

६१. आपके नाम !


आपके नाम ....दर्दे -ऐ -दिल ......

टूटे हुवे पेइमनोमे मे जाम नही आते ,

इसक मे दीवाने दिल कहीं आराम नही पते ,

कह्दो जाके उन बेवफा ओ से .........की ,

टूटे हुवे दिल कीसी के काम नही आते !!

६०.ना जाने क्यों !





















ना जाने क्यों ये ऑंखें उदास रहती है ,
इन आँखों मैं कीसी की प्यास रहती है ,
ये जानकर भी की वो मेरी कीस्मत मैं नही ,
फीर भी क्यों उन्हें पाने की आस रहती है !!

५९. दीखा कर खवाब !












दीखा कर खवाब इन आंखों को ,
दे गए आँसू इन में तुम ,
कैसे छलका दु ये आँसू ,
इन में भी तो रह ते हो तुम !!


५८. खुशियों से नाराज़ !


खुशियों से नाराज़ है मेरी जिन्दगी ,
प्यार की मोहताज है मेरी जिन्दगी ,
हस लेता हू कभी लोगों को देख कर ,
वरना दर्द की किताब है मेरी जिन्दगी!!

५७. कभी तोह अपना !

कभी तोह अपना बना के दिखाओ ,

यकीन करो और सच्चे हो के दिखाओ ,

जूठ ख़ुद से एक धोका है ,

कमसेकम अपनों को तोह ना सताओ !!

५६.कैसे आगे बढे !


कैसे आगे बढे हम जब ,
मंजिल ही हमारी कहीं पीछे टहर गई,
गुजर रहे थे जब उसके पास से ,
ना उसने रोका , ना उसने आवाज दी ,
सिर्फ़ खामोश रह गई !