सोमवार, 31 मार्च 2008

७३. आज रूठा हुआ !










आज रूठा हुआ एक दोस्त बहुत याद आया ,
अच्छा गुज़रा हुआ कुछ वक़्त बहुत याद आया.,
मेरी आंखो के हर एक अश्क पे रोने वाला,
आज जब आंख ये रोई तू बहुत याद आया,
जो मेरे दर्द को सीने मे छुपा लेता था,
आज जब दर्द हवा मुझ को बहुत याद आया,
जो मेरी आंख मे काज़ल की तरहा रहता था,
आज काजल जो लगाया तू बहुत याद आया,
जो मेरे दिल के था क़रीब फक़्त उस को ही,
आज जब दिल ने बुलाया तू बहुत याद आया !!

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