सोमवार, 31 मार्च 2008

१३ . ये कभी ना सोचा था !

ये कभी ना सोचा था तुमसे हमारी जुदाई होगी ,
तुमसे दील लगाने की सज़ा तुम मुझे ऐसे दोगी ,
हम तो आपकी वफ़ा पे जिन्दा थे ,
ये ना सोचा था कभी तुम सब से बड़ी बेवफा होगी !!

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