सोमवार, 31 मार्च 2008

३०. ये वफ़ा का !

ये वफ़ा का सिला है तो कोई बात नही ,
ये दर्द अपनों ने दिया है तो कोई बात नही ,
यही बहुत है की वो देख रहे है कीनारे से ,
हम डूब रहे है तो कोई बात नही !!

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