सोमवार, 31 मार्च 2008

३४. तुम क्या जानो !


तुम क्या जानो क्या होती है तन्हाई ,
इस टूटे हुए पत्ते से पूछ क्या होती है जुदाई ,
यू बेवफाई का इल्जाम ना दे जालीम ,
इस वक्त से पूछ के कीस वक्त तेरी याद ना आयी !!

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