सोमवार, 31 मार्च 2008

२८. महोब्बत सुन !

महोब्बत सुन यह दुनिया है … दुनिया !,
दुनिया में गम छुपाना पड़ता है ,
दिल मैं चाहे लाख गम हो ,
महफिल में मुस्कराना ही पड़ता है !!

कोई टिप्पणी नहीं: