सोमवार, 31 मार्च 2008

५९. दीखा कर खवाब !












दीखा कर खवाब इन आंखों को ,
दे गए आँसू इन में तुम ,
कैसे छलका दु ये आँसू ,
इन में भी तो रह ते हो तुम !!


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